इन लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की केवल एक ही डोज काफी, अध्ययन में बताया गया

इन लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन की केवल एक ही डोज काफी, अध्ययन में बताया गया

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में मास्क जरूर लगाएं और दो गज की दूरी भी बनाकर रखें। वहीं इस वायरस से निपटने के लिए सबसे ज्यादा कारगर उपाय टीकाकरण है। इसलिए टीका जरूर लगवाएं। भारत में दो वैक्सीन उपलब्ध हैं। दोनों के पहले डोज के बाद तकरीबन 28 दिनों बाद दूसरी खुराक की आवश्यकता होती है। लेकिन हाल ही में शोध में बताया गया कि कई लोग ऐसे हैं जिन्हें वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक ही लेनी चाहिए। दरअसल इस विषय पर पेन इंस्टीट्यूट ऑफ इम्युनोलॉजी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में बताया है कि जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित रह चुके हैं उन्हें वैक्सीन के दूसरे डोज की आवश्यकता नहीं है, ऐसे लोगों के लिए इसकी एक खुराक ही काफी है। आइए इस अध्ययन के मायने समझते हैं।

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साइंस इम्युनोलॉजी' में छपे अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण हो चुका हो उनमें पहली डोज के बाद ही एंटीबॉडीज बढ़ जाती है, जबकि दूसरी डोज के बाद एंटीबॉडीज की मात्रा में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला है। अमेरिका में कई लोगों पर किए गए अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिक इस नतीजे पर पहुंचे हैं।

एंटीबॉडीज कैसे देती हैं सुरक्षा?

इस अध्ययन को समझने के लिए पहले यह जानना जरूरी है कि एंटीबॉडीज आपको किसी वायरस के प्रति कैसे सुरक्षा देती हैं? शरीर में दो तरह की एंटीबॉडीज होती हैं। पहली टी किलर कोशिकाएं जो वायरस को मारती हैं और दूसरी बी कोशिकाएं जो भविष्य में वायरस के दोबारा हमले के समय उसे पहचानकर उसके खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करने का काम करती हैं। 

अध्ययन में शोधकर्ता बताते हैं कि अमेरिका में कोविड संक्रमित रह चुके लोगों में पहली डोज के बाद एंटीबॉडी रिस्पॉन्स बहुत अच्छा दिखा। अध्ययन के लेखक ई जॉन वेरी कहते हैं कि यह नतीजे शॉर्ट और लांग टर्म वैक्सीन एफिकेसी के लिए प्रोत्साहित करने वाले हैं। सामान्य तौर पर लोगों में वैक्सीन की पहली डोज एंटीबॉडीज बनाने और दूसरी डोज उन्हें बूस्ट करने में मदद करती है। वहीं जिन लोगों को पहले से संक्रमण हो चुका है उनमें वैक्सीन की पहली डोज ही बूस्टर के तौर पर काम करती है। 

कई देश संक्रमितों को दे रहे हैं केवल एक डोज

इस अध्ययन के अलावा कई अन्य अध्ययन भी इस दावे को पुख्ता करते हैं कि संक्रमितों के लिए वैक्सीन की केवल एक डोज ही काफी है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस, स्पेन, इटली और जर्मनी जैसे कुछ देशों ने कोरोना संक्रमित रह चुके लोगों को वैक्सीन की एक ही डोज देने की स्ट्रेटजी बनाई है। इसके अलावा न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी एक अध्ययन कहती है कि जो लोग पहले संक्रमित रह चुके हैं और उन्होंने वैक्सीन का एक डोज ले लिया है ऐसे लोगों के शरीर में बनी एंटीबॉडी उन लोगों से भी ज्यादा होती है, जिन्होंने इसके दो डोज लिए हैं।

भारत में क्या हैं इस अध्ययन के मायने?

भारत में चूंकि अभी तक ऐसा अध्ययन नहीं हुआ है इसलिए इस विषय को लेकर वैज्ञानिक कुछ भी कहने से बच रहे हैं। यहां सभी लोगों को वैक्सीन की दो डोज दी जा रही है। हालांकि यह अध्ययन उन देशों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जो इस समय वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं। भारत में भी वैक्सीन की कमी की खबरें सुनने को मिल रही हैं।

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